Saturday, February 15, 2020

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khehrheiurhwirhiwrhiwhrihwirhihwirb r w r  r wre w  r we  w e  er re e w  rwbrbwerb wbr e wrbewrjbwr w rwbrkjbwbrbwjbr  है क्या मौज ारी है क्या हल है भाई है







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Thursday, December 5, 2019

1. What is the full form of the RAM?




... Answer is B)
The full form of RAM is "Random Access Memory"


2. What is the Brain of a Computer?




... Answer is C)
CPU is called brain of the computer.


3. Who is the prime minister of India




... Answer is A)
Narenda Modi is the Prime minister of india.

Wednesday, October 16, 2019

विद्युत धारा किसे कहते है | सूत्र, S.I मात्रक | मापने का यंत्र


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ओम का नियम | सत्यापन | सीमायें | धारा-विभवांतर ग्राफ


कूलॉम का नियम | सूत्र | सीमाएं | परिभाषा


Sunday, October 13, 2019

कूलॉम का नियम | सूत्र | सीमाएं | परिभाषा

कूलॉम का नियम सन् 1785 में फ्रांस के एक physicist चार्ल्स ऑगस्टिन कूलॉम ने अपने नाम पर दिया जिसका उपयोग था यानि बिंदु आवेशों के बीच लगने बाला बल का मान जानना इस page पर कूलॉम का नियम की पूरी detail देने की कोशिस की है यदि कोई topic छूट गया हो तो आप comment कर के बता सकते है

कूलॉम का नियम का नियम हिंदी में

Coulomb का नियम और इसकी सीमाएँ
चार्ल्स ऑगस्टिन कूलॉम यानि कूलॉम नियम अनुसार परिभाषा- दो बिंदु आवेशों के बीच लगने वाला बल दोनों आवेशों के गुणन फल के समानुपाती यानि directly proportional होता है और उन दोनों आवेशों की बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानपाती होता है अब वह बल आकर्षी या प्रतिकर्षि हो सकता है
  • कूलॉम ने बताया की यह एक प्रायोगिक नियम है
  • और लगने वाला बल केन्द्रीय और संरक्षी बल है
  • बल newton के गति के तीसरे नियम का पालन करता है

कूलॉम का नियम की सूत्र

मान लो दो बिंदु आवेश q1 और q2 है और इन दोनों आवेशों के बीच की दूरी r है तब
दो बिंदु आवेशों के बीच लगने वाला बल∝पहला आवेश ×दूसरा आवेश
F∝q1×q2
F∝1/r2
तब इन दोनों को मिला कर कूलॉम के नियम का सूत्र बनता है
F∝q1×q2/r²
F=k×q1×q2/r²
जहाँ k एक constant है जिसका मान 1/4πε0 होता है

कूलॉम के नियम की सीमाएँ

  • कूलॉम का नियम point charge के लिए है
  • static electricity में स्थिर आवेशों के लिए कूलॉम का नियम है
  • कूलॉम का नियम के लिए आवेशों के बीच की दूरी 10-15 m से ज्यादा होनी चाहिए
  • Electromagnetic Waves in Hindi
कूलॉम का नियम और सीमाएं यह आपके समझ में आ गया होगा इस पेज को शेयर जरूर करें नीचे button है और कोई भी Question हो तो आप comment कर सकते है या आपको कोई और topic किसी भी स्तर से समझना हो तो आप comment में लिख सकते है

ओम का नियम | सत्यापन | सीमायें | धारा-विभवांतर ग्राफ

ओम का नियम क्या है परिभाषा धारा और विभवांतर के बीच ग्राफ इस नियम की सीमाएं और practicle ओम केे नियम का सूूत्र इस पेज पर है Voltage और Current I में सम्बन्ध और इसके अनुप्रयोग और ओम का मात्रक
इस नियम का नाम जर्मन वैज्ञानिक जार्ज साइमन ओम के नाम पर रख क्युकी  1828 में इन्होने ही Voltage यानि विभवान्तर और Current के बीच सम्बन्ध का अपने प्रयोगों से पता लगाया जिसे ओम का नियम नाम दिया गया

ओम का नियम

Ohm के नियम की परिभाषा
यदि किसी चालक यानि Conductor की भौतिक परिस्थितियों यानि लम्बाई,ताप,दाब,अदि में कोई परिवर्तन नहीं किया जाये तब उस चालक के सिरों पर उत्पन्न विभवान्तर उसमे Flow हो रही धारा के समानुपाती होता है
यदि लगाया गया विभवान्तर V मान लेते है और बहने वाली धारा I मान लेते है तब ओम के नियम से दोनों में सम्बन्ध-
V ∝ I

V=RI

यहाँ पर R एक Constant है जिसे Resistance यानि प्रतिरोध कहते है इस  Ω से दर्शाते है
R=V/I
वोल्टेज या विभवांतर v का मान बढ़ाने पर धारा का मान भी बढ़ता है
इस पेज को ध्यान से रीड करो आप बहुत समय से कंफ्यूज हो रहे हो ओम के नियम से तो सभी डाउट क्लियर हो जायेगें इसके प्रयोग हो जरूर पढ़ें

विभवान्तर और धारा के बीच ग्राफ

विभवान्तर और धारा के बीच ग्राफ
यदि चालक के विभवान्तर और धारा के बीच ग्राफ खीचे तो एक सरल रेखा प्राप्त होती है जो बताती है की विभवान्तर के बड़ने पर धारा भी बड़ेगी और विभवान्तर के कम होने पर धारा भी कम होगी

ओम के नियम की Limit यानि सीमायें यह ॐ का नियम है  सभी वैधुत व्\क्या है 

  • ओम का नियम Metal Conductor के लिए ही apply होता है
  • ताप और अन्य भौतिक परिस्थतियों Constant रहे यानि कोई परिवर्तन न हो
  • और इनके कारण चालक में Strain यानि विकृति पैदा न हो

ओम के नियम पर प्रयोग या सत्यापन

ओम के नियम का सत्यापन या हम कह सकते है प्रयोग इसके पहले तो आप कुछ महत्वपूर्ण बातें जान लें
वास्तव में विभवांतर क्या होता है -जब किसी wire में धारा वह रही होती है तो जिस प्रेसर से वह रही होती है उसे विभवांतर या voltage कहते है इसके लिए detail में हमने water analogy से इसे अच्छे से समझाया है आप इसे पड़ सकते हो –Voltage क्या है ?
अब प्रतिरोध क्या है इसका साधारण सा जबाब है धारा के मार्ग में रुकावट ही प्रतिरोध है यह रुकावट कुछ भी हो जैसे तार की लंबाई बड़ा दी जाए तो प्रतिरोध बढ़ जाएगा तो यह प्रतिरोध हो गया
ओम के नियम का उपयोग हम विभवांतर,धारा और प्रतिरोध को ज्ञात करने के लिए कर सकते है यह कैसे करना है इसकी बात हम करते है
आपको ओम के नियम के सत्यापन के लिए सबसे पहले आपको एक सर्किट board जैसे breadboard लेना है और एक resistance यानी प्रतिरोध जो बाजार में बहुत सस्ते मिल जाते है आपको एक कोई भी लेना है और उसे ब्रेडबोर्ड पर लगाना है एवं उस प्रतिरोध का मान ज्ञात करने के लिए रेसिस्टर कलर कोड के उपयोग से करें यदि आपको कलर कोड नही आते तो इसे पढ़ें Resistance value कैसे चेक करें
प्रतिरोध ओम का नियम
मान लीजिये की आपके द्वारा उपयोग किया गया प्रतिरोध 1k ओम का है
अब आपको किसी variable दिष्ट धारा का स्त्रोत लेना है जिससे आप अपने सर्किट को 1वोल्ट से लेकर 10 वोल्ट तक वोल्टेज दे सकें
जैसे कि एक adapter जिसमे वोल्टेज regulator लगा हो और एक स्क्रीन जिसमे वोल्टेज दिखता रहे कि हम कितना वोल्टेज अपने सर्किट को दे रहे है
ओम के नियम के सत्यापन या प्रयोग के लिए आपको ये करना है
हम जानते है कि श्रेणी क्रम में धारा समान रहती है इसलिए हम एक अमीटर अपने सर्किट में प्रतिरोध के श्रेणी क्रम में लगते है अमीटर धारा मापने के यन्त्र होता है
ameter-ohm का नियम
और हम ये भी जानते है कि विभवांतर समांतर क्रम में समान रहता है
इस लिए एक वाल्टमीटर या विभवमापी हम उसी प्रतिरोध के साथ समांतर क्रम में जोड़ेंगे विभवमापी विभवांतर मापता है ये सब आपको पता होनी चाहिए
आप मल्टीमीटर का उपयोग कर सकते है जो धारा और विभवांतर दोनों माप सकता है यह 100 रुपये तक मिल जाता है बाजार में
ओम के नियम का सत्यापन विभव मापी
हमारा पूरा परिपथ बन चुका है अब ओम के नियम को ध्यान में रखते हम एक सारणी बनाएंगे सबसे पहले दिष्ट धारा के source में लगे रेगुलेटर को 1v से 10v तक ले जाते है और सभी उपकरणों में reading note करते चलते है
यदि आप 1k ओम का प्रतिरोध उपयोग कर रहे है तब आप voltage को 0v से 1v करें फिर अमीटर में देखें आपको 1mA दिखेगा यानी 1 मिली एम्पीयर
अब फिर 1v से 2v पर set करें तब आप अमीटर में 2mA देखोगे फिर 3v रखें तो आप 2.99mA धारा दिखेगी
इसी प्रकार आप 10v तक कि reading नोट करें यही ओम के नियम का सत्यापन है आप प्रतिरोध अलग अलग उपयोग करके देखिए सभी के रिजल्ट अलग अलग आते है और ओम का नियम इन पर लागू होता है
I hope आपको ओम के नियम में अब कोई problem नहीं होगी इस page को share करें अपने friends के साथ social media पर Button नीचे है और कोई सवाल हो तो comment में बता सकते है